एक प्रसंग जिंदगी का
एक राजा बहुत दिनों से पुत्र की प्राप्ती के लिये आशा लगाये बैठा था,
पर पुत्र नही हुआ।
उसके सलाहकारों ने तांत्रिकों से सहयोग की बात बताई।
सुझाव मिला कि किसी बच्चे की बलि दे दी जाये तो पुत्र प्राप्ती हो जायेगी।
राजा ने राज्य में ये बात फैलाई कि जो अपना बच्चा देगा
उसे बहुत सारे धन दिये जायेगे।
एक परिवार में कई बच्चें थे, गरीबी भी थी,
एक ऐसा बच्चा भी था जो ईश्वर पर आस्था रखता था
तथा सन्तों के संग सत्संग में ज्यादा समय देता था।
परिवार को लगा कि इसे राजा को दे दिया जाये
क्योंकि ये कुछ का…
Angry - गुस्सा
"पितामह भीष्म के जीवन का एक ही पाप था कि उन्होंने समय पर क्रोध नहीं किया
और
जटायु के जीवन का एक ही पुण्य था कि उसने समय पर क्रोध किया...
परिणामस्वरुप एक को बाणों की शैय्या मिली
और
एक को प्रभु श्री राम की गोद..
अर्थात
क्रोध भी तब पुण्य बन जाता है जब वह धर्म और मर्यादा की रक्षा के लिए किया जाए
और
सहनशीलता भी तब पाप बन जाती है जब वह धर्म और मर्यादा की रक्षा ना कर पाये।"